पलामू के लोगों ने चाईबासा में शहीद हुए अमित तिवारी को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में अमित अमर रहे और जिंदाबाद के नारों से पूरा पलामू गूंज उठा। जवान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव तोलरा स्थित कोयल नदी के तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बताते चले कि अमित तिवारी के पिता देवेंद्र तिवारी पेशे से किसान हैं। अमित तिवारी शुरु से ही पढ़ने में तेज तर्रार और 2012 में झारखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती हुए थे। सब इंस्पेक्टर बनने के बाद वह खूंटी और पाकुड़ के कई थानों में प्रभारी रह चुके हैं। करीब आठ महीने पहले उनकी तैनाती जगुआर में हुई थी। उनकी पत्नी ने छह दिन पहले ही रांची में एक बेटे को जन्म दिया है। अमित तिवारी की दो बहने हैं, दोनों की शादी हो चुकी है। वही, अमित तिवारी के चाचा निरंजन तिवारी चाईबासा में ही इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
शहीद जवान के अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा और हजारों की संख्या में लोगों नम आखों से उन्हें अतिम विदाई दी। अमित तिवारी को पलामू रेंज के आईजी राजकुमार कुमार लकड़ा, सीआरपीएफ के डीआईजी पंकज कुमार, पलामू एसपी रिष्मा रमेशन, एएसपी ऋषभ गर्ग, एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने श्रद्धांजलि दी। पलामू पुलिस के जवानों ने शाहीद के सम्मान में दो राउंड फायरिंग कर उन्हें सम्मान दिया। वही, पिता देवेंद्र कुमार तिवारी ने शाहिद अमित तिवारी को मुखाग्नि दी। इस दौरान पलामू सांसद विष्णु दयाल राम समेत अन्य मौजूद थे।