लातेहार के नवाडीह में मंगलवार की देर रात वांछित माओवादी छोटू खरवार मारा गया। नक्सली कमांडर छोटू खरवार एक सौ से अधिक नक्सली घटनाओं का वांछित हैं। एनआईए की टीम ने भी माओवादी छोटू खरवार को टॉप लिस्ट में रखा था। जिसको लेकर एनआईए ने तीन लाख, तो अन्य एजेंसियों ने उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी के साथ-साथ लाखों में इनाम भी घोषित कर रखा था। इसके बावजूद वह पुलिस की गिरफ्त से बचता रहा। पुलिस की ओर से बूढ़ापहाड़ पर अभियान ऑक्टोपस के बाद माओवादी संगठन का कमान छोटू खरवार ने संभाली थी। माओवादी छोटू गुमला, लोहरदगा और लातेहार के इलाकों में अधिक सक्रिय था। वहां से जुड़े सारे कामों पर निर्णय छोटू खरवार के बिना नहीं लिया जाता था।
दरअसल वह पुलिस के हत्थे चढ़ता इससे पहले ही आपसी लड़ाई में मंगलवार को 15 लाख का इनामी माओवादी छोटू खरवार की हत्या हो गयी हैं। गुमला, लातेहार और लोहरदगा जिलों समेत अन्य थानों में छोटू खरवार के खिलाफ विभन्न मामले दर्ज हैं। बता दें कि रिजनल कमांडर छोटू खरवार को आत्मसमर्पण करने को लेकर पुलिस ने एक और मौका दी थी। जिसके तहत पुलिस ने हेरहंज थाना क्षेत्र के सिकित गांव में उसके घर पर इश्तिहार भी चिपकाया गया था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबाव बना रही थी। लेकिन वह पुलिस के गिरफ्त में नहीं आ पा रहा था।