सचिव रैंक के आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को ईडी ने शनिवार को दोबारा समन किया है। जिसमें एक बार फिर से ईडी ने आईएएस मनीष रंजन को पूछताछ के लिए 28 मई (मंगलवार) को बुलावा भेजा है। बाते दें कि इससे पहले ईडी ने पहला समन देकर शुक्रवार (24 मई ) को एयरपोर्ट रोड़ स्थित ईडी कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा था। लेकिन आईएएस मनीष रंजन ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुये थे। ।
उपस्थित नहीं होने की जानकारी उन्होंने ईडी कार्यालय में पत्र लिखकर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने (मनीष रंजन) अगली तारीख देने की बात कहीं है। दरअसल आईएएस मनीष रंजन के इस पत्र को कर्मचारी अनिल कुमार लेकर पहुंचा था। जिसके बाद ईडी दफ्तर में पत्र लेकर जाने वाले कर्मचारी अनिल से पत्रकारों ने पूछा कि आईएएस मनीष रंजन क्यों नहीं आये और इस पत्र में क्या है। जिसपर अनिल कुमार ने जवाब देते हुये कहा कि पत्र में क्या है, उसे नहीं मालूम। उसे पत्र लेकर ईडी ऑफिस जाने को कहा गया था। इसलिए पत्र लेकर मैं पहुंचा हूं। जिसके बाद आगे कुछ और सवालों के जवाब में उसने (अनिल कुमार) ने असमर्थता जतायी। और उसने कहा मुझे कुछ नहीं मालूम है।
इस पूरी घटना के बाद एक बार फिर से कयास लगाये जा रहे थे कि जल्द ही ईडी सचिव रैंक के आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को दोबारा पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। और हुआ भी ठीक वहीं, जिसके बाद फिर से दोबारा ईडी का समन आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को भेजा जा चुका है। बताते चले ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री के पीएस संजीव लाल और निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के गिरफ्तारी के बाद अब विभाग के तत्कालीन सचिव रहे मनीष रंजन को समन देकर बुलाया गया है।
क्या है मामला
ईडी ने घोटाले में पैसो के बंटवारें वाली डायरी, टेंडर और कमीशन से जुड़े पैसों का लेनदेन समेत अन्य सवालों को लेकर पूछताछ के लिए आईएएस मनीष रंजन को उपस्थित होने के लिए कहा है। ईडी को यह डायरी छापामारी के दौरान मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर के घर से मिली थी। साथ ही कमीशन से जुड़े तकरीबन 32.20 करोड़ कैश मिले थे।
वहीं, एक एक्सेल शीट पर कमीशनखोरी का हिसाब रखा जाता था, जिसमें मनीष का भी नाम शामिल था। उसी के आधार पर मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया गया। जिसको लेकर एयरपोर्ट रोड़ स्थित ईडी कार्यालय में 28 मई को अधिकारी मनीष रंजन को हाजिर होने के लिए कहा गया है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, पीएस संजीव लाल और निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में ईडी को कई अहम इनपुट्स मिले है। जिसके आधार पर अब जांच आईएएस मनीष रंजन तक पहुंच चुकी है।
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