केंद्रीय मण्डा पूजा समिति की स्थापना की गयी। इसमें मुख्य संरक्षक पदमश्री मुकुंद नायक को बनाया गया। संरक्षक की जिम्मेवारी स्वामी देवेन्द्र प्रकाश,मदन केसरी और मानपूरण नायक को दी गयी है। वही, समिति के अध्यक्ष राजकुमार महतो और महामंत्री उदय पासवान को बनाया गया है। मुख्य संरक्षक पदमश्री मुकुंद नायक ने बताया कि मण्डा पूजा संचालन को लेकर किसी का भी ध्यान केंद्रीय स्तर पर नहीं गया है। पूजा में अनेक समस्याएं और अड़चने आती है। जिसके वजह से इस पूजा का प्रचलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। यहां तक कई जगह पर तो यह समाप्त हो चुका है। इन सब मुद्दों को लेकर ही केंद्रीय मण्डा पूजा समिति का गठन किया गया है। जिससे हमारी पूरानी संस्कृतियों को जिंदा रखा जा सके। उन्होंने कहा कि झारखंड में मण्डा पूजा प्राचीन समय से वृहद स्तर पर होता रहा है। इस पूजा में सभी जाति के लोग शामिल होते है। 15 दिनों तक होने वाले इस पूजा में हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चत होती है। झारखंड में मण्डा पूजा झारखंड की प्राचीन संस्कृतियों में से एक है।
समिति के अध्यक्ष राजकुमार महतो ने कहा कि झारखंड के विभिन्न मंडा पूजा करने वाले समितियों के साथ पिछले दिनों कई दौर की बैठकें हुई थी। जिसके बाद यह महसूस हुआ कि केंद्रीय मंडा पूजा समिति की स्थापना होनी चाहिए। इसको आगे बढ़ाते हुए दो अप्रैल को केंद्रीय मंडप पूजा समिति का गठन किया गया है। जिसके बाद समिति के सदस्यों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है। जल्द ही समिति का विस्तार भी कर लिया जाएगा। समिति का मुख्य मंडप पूजा को बढ़ावा देना है।
जाने क्या है मंडप पूजा समिति का मुख्य उद्देश्य
झारखंड की प्राचीन संस्कृति को बनाए रखना और बढ़ावा देना
आपसी सौहार्द और भाईचारा को बढ़ावा देना
आर्थिक अभाव के कारण पूजा में आए रूकावटों को दूर करना
मंडप पूजा के दौरान सुरक्षा का उचित उपाय करना
मंडा पूजा जो बंद हो चुका है, उनकी समस्याओं का निवारण करना मंडप पूजा का प्रचार प्रसार को बढ़ावा देना
मंडप पूजा को और विरहट और आकर्षक बनाना