हम इतिहास नहीं बनेंगे बल्कि इतिहास बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। महात्मा गांधी के जैसे ही हमें हर तरह की असमानता का विरोध करना चाहिए। इसके लिए सत्य और अहिंसा के हथियारों का प्रयोग करके सत्याग्रह को लेकर प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा। यह बात शनिवार को डॉ अली इमाम खान ने कहीं। दरअसल, मौलाना मजहरुल हक़ अरबी एवं फ़ारसी विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में गांधी एक विचार प्रक्रिया विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि में डॉ अली इमाम खान शामिल हुये थे। इस दौरान सेमिनार में मौजूद विद्यार्थी , शिक्षक और प्रोफेसर के बीच महात्मा गांधी को याद करते हुये उन्होंने अपने विचारों को साझा किया।
उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को संपूर्णता में समझने की बात करते हुये कहा कि गांधी जी के सत्य को उत्तरसत्यवाद के संदर्भ में समझने की जरूरत है। गांधी जी के वैष्णव जन की परिकल्पना को तब तक सार्थक नहीं समझा जा सकता है, जब तक अंत्योदय को भारतीय परिदृश्य में पूर्णत लागू नहीं कराया जाता।
मौलाना मजहरुल हक़ अरबी एवं फ़ारसी विश्वविद्यालय के कुलसाचिव कर्नल कामेश कुमार ने कहा कि गांधी होना बहुत कठिन है। और गांधीवादी होना तो अति कठिन कार्य है। गांधी जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। इस दौरान कुलसाचिव ने महात्मा गांधी के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक दर्शनों की चर्चा की। जिसके बाद बुनियादी शिक्षा पर भी अपने विचारों को रखा।
पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के डॉ मुकेश ने पत्रकार के तौर पर गांधी जी को रेखांकित किया। प्रेस और मीडिया के भारतीय परिदृश्य में उनकी प्रासंगिकता को गांधी जी के जंतर द्वारा बताया कि आज भी महात्मा गांधी के विचार प्रेस के लिए प्रासंगिक हैं।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुये शिक्षा विभाग के संकाय अध्यक्ष डॉ असदुल्लाह ने गांधी और मौलाना मझहरूल हक के विचारों की एकता को रेखांकित किया। वहीं, कार्यक्रम की रूपरेखा शिक्षा विभाग की प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ मुक्ता ने रखी।
इस अवसर पर पैंतीस विद्यार्थियों ने गांधी जी के विभिन्न पहलुओं पर पत्र प्रस्तुत किये। जहां सत्र का संचालन ऋचा आर्य ने किया। समेमिनार में मानविकी के संकाय अध्यक्ष डॉ एजाज आलम, डॉ रणजीत, डॉ चंद्रेश्वरी, डॉ तारिक़, डॉ तृष्णा, डॉ तहसीन, डॉ जावेद, डॉ रहमान, डॉ तौकीर, डॉ मुमताज, डॉ अबरारूल, डॉ. जाकिर हुसैन, डॉ निखिल सहित नाहिद, एहतेशाम, संजर, सपना, विनंदिता, पूजा, शाहनवाज, याहिब, सूरज, धर्मेंद्र, प्रतिभा समेत अन्य विद्यार्थी उपस्थित थे।