झारखंड के कई शहरों में ईडी छापेमारी कर रही है। जिसमें बड़ा नाम वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और उनके बेटे रोहित उरांव का है। सूत्रो के अनुसार वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव प्रदेश के शराब कारोबार में बड़ा निवेशक बताए जा रहे है। ईडी के सूत्रों की माने तो रोहित ने योंगेंद्र तिवारी के माध्यम से व्यवसाय में मोटी रकम इन्वेस्ट किया है। छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में भी शराब घोटाले की जांच की आंच पहुंच चुकी है। ईडी मनी लाॅड्रिंग से जोड़कर पूरे मामले को देख रही है। इसी सिलसिले में बुधवार को झारखंड, बंगाल में एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
ईडी झारखंड की राजधानी रांची, देवघर, धनबाद, दुमका, गोड्डा समेत कुल 32 ठिकानों पर कागजात खंगाल रही हैं। जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई रांची में सात जगह चल रही है। देवघर में जमीन घोटाले और रांची में शराब घोटाले को लेकर जांच की जा रही है। वही, दुमका में योगेंद्र तिवारी के सहयोगियों के ठिकाने पर भी छापा मारा गया है। इन सभी कार्रवाई को छत्तीसगढ़ के शराब काकस के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है। दरअसल झारखंड के उत्पाद विभाग ने राज्य के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है। सूत्रों के अनुसार झारखंड के 32 ठिकानों पर रेड जारी है। रांची में कुल सात जगह, देवघर में आठ, दुमका में पांच जगह, जिसमें तनिष्क शोरूम (टाटा शोरूम चौक) , तिवारी ऑटोमोबाइल, कुम्हारपाड़ा के पप्पू शर्मा और कुम्हार पाड़ा के ठेका बाबा मंदिर के नजदीक अनिल सिंह के घर पर ईडी की कार्रवाई चल रही है।
शराब नीति के सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी सवालो के घेरे में
झारखंड में नई शराब नीति के सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में उनकी भूमिका को जोड़ कर देखा जा रहा। आरोप है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बिना उन्हें सलाहकार बनाया गया है। नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए मूल विभागऔर छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेनी जरूरी होती है। लेकिन एसा नहीं किया गया। वही, त्रिपाठी पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है।