कृष्णा नगर कालोनी के श्री राधाकृष्ण मंदिर में सोमवार की रात कान्हा ने अवतर लिया। जिसके बाद उनके आगमन पर पूरा वातावरण झूम उठा। हल्की-हल्की झिमझिम बारिश में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप को देख भक्त आनंदित हो उठे।
दरअसल कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर श्री राधाकृष्ण मंदिर को अलौकिन रुप से सजाया गया। जहां भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इस अवसर पर कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
श्री कृष्ण दरबार का विशेष श्रृंगार किया गया। महोत्सव पर दिन भर अनुष्ठन आयोजित होते रहे। जिसमें भक्तों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत गीता का पाठ संस्कृत में पुजारियों ने पढ़ा। वही, भक्तों की ओर से हरि गीता का सामूहिक पाठ पढ़ा गया। जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह से भक्तों का रेला मंदिर परिसर पर में पहुंचने लगा था, जो देर रात तक जारी रही। वहीं, भगवान कृष्ण के जन्म पर जीवंत झांकियों की प्रस्तुती दी गयी। जिसमें आकर्षण का केंद्र बाल गोपाल और राधा रानी के स्वरूप को धारण किये हुये बच्चें रहे।
इस दौरान भगवान श्री कृष्ण के दरबार सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, बीजेपी नेता रमेश सिंह, पूर्व पार्षद अशोक यादव, सुनीता देवी, दिलीप गुप्ता समेत अन्य पहुंच कर हाजिरी लगायी।
जिसके बाद रात्रि बेला में श्री दुर्गा जागरण मंडली के केसर पपनेजा, मनोज किंगर, चंदन सिडाना, पवन मनुजा और ज्योति अरोड़ा ने एक से बढ़कर एक भजनों को गाकर मौजूद भक्तों को भावविभोर कर दिया। वहींं, वृंदावन से पहुंचे भजन गायक रसिक पुराण पागल ने अपने भजनों की प्रस्तुती से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दरमिया पूरा मंदिर परिसर कृष्णमय बना रहा। क्या बच्चे और क्या बुढ़े सभी भगवान श्री कृष्ण के भक्ती में लिन थे।
मीडिया प्रभारी अरुण जसूजा ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने रात्रि 12 बजे जन्म लिया हैं। उनके जन्म पर शंखनाद और ढोल नगाड़ों की आवाज से पूरा मंदिर परिसर झूम उठा। सभी भक्तों ने भगवान कृष्ण के बाल रुप की झलक को देखने के लिए टकटकी लगाये हुये थे। इसके पश्चात आरती की गयी। और अरदास के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। जिसके बाद कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के समापन की घोषणा कर दी गयी।
इनका मिला सहयोग
जन्माष्टमी महोत्सव को सफल बनाने में मनोहर लाल जसूजा, मुखी राधेश्याम किंगर, चंद्रभान तलेजा, केशर पपनेजा, रामचंद्र तलेजा, नंदकिशोर अरोड़ा मनोज किंगर, हरीश अरोड़ा, किशोरी किंगर, चुन्नीलाल पपनेजा, चन्दन सिडाना, अरुण जसूजा, किशोरी पपनेजा, गौरीशंकर मादनपोत्रा, हरीश मनुजा, प्रवीण घई, विशाल अरोड़ा, कमल घई, नरेश खत्री, हरीश नागपाल, नरेश अरोड़ा, मुकेश तलेजा, विजय जसूजा, विनीत अरोड़ा, पंकज गक्कड़, पवन मनुजा, सुनील कटारिया, पवन पपनेजा, अनिल मुंजाल, निखिल घई, उमंग मनुजा, रोहित तलेजा, विशाल अरोड़ा, रौनक मिड्ढा, विकाश घई, ललित किंगर, सुशील गेरा, संजय पपनेजा, मुकेश मुंजाल, कौशल्या देवी, पूनम तलेजा,
लाजवंती किंगर, राज देवी मनुजा, शकुंतला देवी मुंजाल, ज्योति अरोड़ा, नीलम अरोड़ा, राधा देवी तलेजा, बबीता पपनेजा, शशि किंगर, सिम्मी पपनेजा, संगीता मिढ़ा, सिमरन बरेजा, रूबी अरोड़ा, निशा पपनेजा, कामना खत्री, हर्षिता जसूजा, निशा तलेजा, पूजा जसूजा, रेखा घई, रश्मि कठपाल कांता देवी अरोड़ा, श्वेता चावला, शालू मिड्ढा, सुनीता विज, संगीता मादनपोत्रा, ऋचा मिड्ढा, भावना किंगर, पिंकी तलेजा, छाया पपनेजा समेत अन्य भक्तों का अहम योगदान रहा।