सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने बुधवार को फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के पीछे की कथित साजिश से संबंधित यूएपीए मामले में पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले साल 18 अक्टूबर को मामले में खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई है। न्यायमूर्ति बोपन्ना ने शुरुआत में न्यायमूर्ति मिश्रा के इनकार का कोई कारण बताए बिना कहा, यह किसी अन्य पीठ के समक्ष आएगा। मेरे सहयोगी न्यायमूर्ति मिश्रा को इस मामले को उठाने में कुछ कठिनाई है
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