जेएसएससी ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप पर महत्वपूर्ण फैसला लिया हैं। दरअसल जेएसएससी ने शुक्रवार को तीन सदस्यीय कमेटी गठन कर जांच करने की घोषणा कर दी हैं। यह कमेटी में सुधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में बनायी गयी हैं।
इस कमेटी में दो सदस्यों को भी शामिल किया गया हैं। आयोग की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप-सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल को कमेटी का सदस्य बनाया गया हैं। जो जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच करेगे। कमेटी गठन होते ही आधा दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस थमाया हैं। जिसमें कार्यालय पहुंचकर जांच में सहयोग करने की बात कही गयी हैं। वहीं, जेएसएसी की ओर गठित कमेटी को सात दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट देना होगा।
बता दें कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के मद्देनजर राज्यपाल संतोष गंगवार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जेएसएससी को पत्र लिखा था। इस पत्र में राज्यपाल ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की जांच करने की बात कहीं थी। दरअसल सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर को 823 केंद्रों पर आयोजित की गयी थी। जिस पर अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया हैं। इस बाबत छात्रों का एक प्रतिनिधमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर साक्ष्य साझा किया था। इन्हीं साक्ष्यों व सबूतों (पेन ड्राइव व सीडी) समेत अन्य कागज को संग्लन कर राज्यापाल ने पत्र लिख जांच करने की बात कहीं थीं।
राज्यपाल के पत्र और छात्रों के विरोध को देखते हुये सुधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता कमेटी गठित कर दी गयी हैं। अब यहीं कमेटी परीक्षा के मद्देनजर छात्रों के लगाये आरोपों की जांच करेगी। इन सब के बीच जेएसएससी ने परीक्षा की उत्तर कुंजी (Answer key) को जारी कर दिया हैं। जेएसएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर इससे प्रकाशित किया गया हैं। वही, जेएसएससी की ओर से जारी उत्तर कुंजी पर 30 सितंबर तक आपत्ति मांगी गयी है।
ज्ञात हो कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गडबड़ी मामले पर कुछ दिनों पहले ही जेएसएससी अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस किया था। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि परीक्षा में कुल 6,39,100 वैध आवेदन प्राप्त हुये थे। पूरे प्रदेश में 823 परीक्षा केंद्रों पर 10,917 कक्षों में एग्जाम लिया गया था। परीक्षा के मद्देनजर 12 प्रश्न पत्रों का गुच्छा तैयार कर सभी को एनवेलप में सील किया गया था। जिसको मेटल लॉक के जरिये सुरक्षित रखा गया था। इसके साथ ही स्ट्रॉन्ग रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। वही, दंडाधिकारी की नियुक्ति की गयी थी।