झारखंड छात्र संघ ने मुस्लिम त्योहारों में छुट्टी कटौती और आदिवासी समुदाय के त्योहारों को शामिल नहीं किए जाने पर विरोध जताया। इस लेकर झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन को पत्र लिखकर जानकारी दी है। उन्होंने पत्र में लिखा कि शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में एक समान छुट्टी की तालिका जारी की गई है। जिसमें सामान्य विद्यालय में रविवार और उर्दू विद्यालय में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगी। जो पूर्व से रहते आया है, लेकिन त्योहारों की छुट्टी में त्रुटी है। चुकी उर्दू विद्यालय में अधिकांश मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं। इसलिए मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहार ईद, बकरीद, मुहर्रम समेत अन्य त्योहारों के छुट्टी में कटौती कर दिया गया है।
वही, सामान्य विद्यालयों में होली, छठ, दुर्गापूजा में अधिक छुट्टी है। जबकि अवकाश तालिका में दोनों विद्यालयों के लिए एक समान छुट्टी देने का निर्देश है। इस निर्देश के बावजूद मुस्लिम त्योहारों की छुट्टी कम कर दी गई है। इतना ही नहीं कई ऐसे त्योहार है जो शुक्रवार को पड़ रहे है उसको भी छुट्टी में जोड़ दिया गया है। जबकि रविवार को पड़ने वाले त्योहारों को छुट्टी से अलग रखी गयी है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के भेदभाव पूर्ण नीति के कारण उर्दू स्कूलों में कुल 60 के बदले सिर्फ 53 छुट्टी दिया गया है। जो नियम संगत नहीं है। मुस्लिम त्योहारों की छुट्टी बढ़ाई जाए, जिसके वजह से उर्दू स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चे भी अपने त्यौहार को खुशियां के साथ मना सके। वहीं, आदिवासी संथाल समुदाय के बाहा, सोहराया, एरोक, माग हरियाड़, दासांय,जन्डथाड़ समेत अन्य प्रमुख त्योहार को शामिल नहींं किया गया है। यह आदिवासी समुदाय के साथ भेदभाव और अन्याय है। अतः आग्रह है कि अविलम्ब इस पर विचार कर सुधार किया जाए। अन्यथा आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।