झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को मां भद्रकाली मंदिर ट्रस्ट के योगेंद्र सिंह की ओर से झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा पुरानी कमेटी को भंग किए जाने और नई कमेटी बनाने के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत मां भद्रकाली मंदिर, चतरा की देख-रेख एवं वित्तीय अधिकार चतरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपा। इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह अधिकार चतरा उपायुक्त को दिया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दलीलें दी गई कि अंतरिम आदेश के तहत उपायुक्त चतरा को जो मां भद्रकाली मंदिर की देख-रेख व वित्तीय अधिकार दिया गया था, वह उसे खत्म कर हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा गठित नई कमेटी को यह अधिकार दिया जाए। इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि तटस्थ व्यक्ति को यह अधिकार दिया जाना चाहिए। तीनों का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने मां भद्रकाली मंदिर की देख-रेख का संचालन का जिम्मा उपायुक्त चतरा के बदले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया।