झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के बैनर तले सोमवार से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सह धरना प्रदर्शन शुरु हो गया हैं। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत दफादार चौकीदार अपनी छह सूत्री मांगो को लेकर आंदोलनरत हैं। इसकी अध्यक्षता कृष्ण दयाल सिंह कर रहे हैं। वहीं इसका संचालन लोहरदगा जिलाध्यक्ष शमशुल अंसारी ने की। इससे पूर्व कृष्ण दयाल सिंह ने पहले महापुरुषों की तस्वीरों पर माल्यार्पण किया, जिसके बाद अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की घोषणा कर दी गयी।
झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन चौकीदारों के दुख दर्द को जानते हैं। उन्होंने कहा था कि चौकीदारों की यह सरकार है। इस सरकार में चौकीदारों का काम होगा। कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि इस सरकार में यदि काम नहीं हुआ तो हम समझेंगे यह चौकीदार विरोधी सरकार हैं। इस बार मांगों को बिना लिए उठने वाले नहीं है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दरम्यान यदी किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो, इसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी। सरकार को पहले ही आंदोलन और मांगों को लेकर सूचित कर दिया था। इस बार टेंट तंबू गाड़कर बैठे रहेगे। उन्होंने कहा कि सेवा विमुक्त चौकीदार, एवजी चौकीदार और अनुकंपा के आधार पर रिक्त बीटों पर झारखंड के सभी जिलों में विज्ञापन प्रकाशित कर नियुक्ति प्रक्रिया जारी हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हुये कहा कि इस पर अविलंभ रोक लगनी चाहिए। दरअसल चौकीदारों के रिक्त बीटों पर निकाले गये विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया पर झारखंड हाई कोर्ट ने सरायकेला, खरसावां और गिरिडीह जिला में रोक लगा दी हैं ।
जिसको देखते हुये सेवा विमुक्त चौकीदार, एवजी चौकीदार और अनुकंपा के आधार पर रिक्त पदों पर जिन-जिन जिलों में विज्ञापन निकाला गया है, उसको तत्काल रद्द किया जाये। झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2( 9) के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर बिना नया बीट सृजित किये विज्ञापन निकालना इस नियमली का उल्लंघन हैं।
इसके साथ उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करते हुये कहा कि सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः योगदान और एवजी चौकीदारों को पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार नियुक्त करने को लेकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद16( 4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी किया जाये। अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सह धरना प्रदर्शन में सुरेश राम, धीरेन माल, शिबू पहाड़िया, सीता उरांव, नेजावट अंसारी, मिथिलेश यादव, राम किशुन गोप, रामदेव यादव, मुनिलाल पासवान, संतोष तुरी, नारायण भोगता, अशोक राय, रामू कच्छप, भयाराम तुरी , फूलिया देवी, अशोक पासवान, रामचंद्र यादव, अशोक राम, सोनू महतो, रवि कुमार , शेखर सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।
आमरण अनशन सह धरना प्रदर्शन की मुख्य मांगे..
# सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान करने हेतु सभी उपायुक्तों को आदेश देना।
# सेवा विमुक्त, एवजी और अनुकंपा के आधार पर रिक्त पदों पर निकाला गया विज्ञापन रद्द करना।
# एक जनवरी,1990 से पूर्व और बाद में सेवानिवृत चौकीदार व दफादारों के आश्रितों की पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार नियुक्त करना।
# रामगढ़ जिला में चौकीदारों के रिक्त पदों पर की गयी अवैध नियुक्तियों को तत्काल रद्द करना।
# सेवा विमुक्त और एवजी चौकीदारों की नियुक्ति करने के अध्यादेश को जारी करना।
# 31 दिसंबर , 1989 को सेवानिवृत चौकीदार दफादरो के आश्रितों की नियुक्ति झारखंड कैबिनेट द्वारा पारित संकल्प के आलोक में करना।
# अनुकंपा के आधार पर आश्रित में पोता और नाती को जोड़ना।
# पुलिस की तरह ही चौकीदार दफादारों को भी 13 माह का वेतन देना ।