झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के तत्वावधान में रविवार को केंद्रीय समीति की अहम बैठक आयोजित की गयी। जिसका अध्यक्षता विक्रांत ज्योति ने किया। बैठक में 45 से अधिक संगठनों के विभिन्न विभागों के संविदा कर्मियों ने हिस्सा लिया। जिसमें संविदा कर्मियों ने अपनी मागों और इसे लागू करने के सरकारी वादों के साथ वास्तु स्थिती से जुड़े फैसले के मद्देनजर विचार विमर्श किया।
महासंघ के अध्यक्ष विक्रांत ज्योति ने कहा कि सरकार के रवैया से संविदा कर्मियों में रोष है। कर्मियों को सिर्फ सरकारी आश्वासन ही दिया जा रहा है। इस बात से आप समझ सकते हैं कि सरकार के विगत पौने पांच वर्षों के कार्यकाल में संविदा संवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वक्तव्यों का अनुपालन तक नहीं हो सका है। जिसके कारण प्रदेश भर के छोटे -बड़े संगठनों के 6 लाख संविदा कर्मी प्रभावित हुये है। इन कर्मियों के साथ 60 लाख पारिवारिक का वोट बैंक भी है। सरकार को हमारी मांगों पर अविलंब पहल करनी चाहिए।
महासंघ के सदस्य महेश सोरेन ने कहा कि पारा शिक्षक वेतनमान ,आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विभागीय अधिसूचना के अनुसार मासिक मानदेय, अनुकंपा और 5 प्रतिशत वार्षिक मानदेय में बढ़ोत्तरी अबतक नहीं किया जा सका है। उन्होंने महासंघ से जुड़े मागों पर सरकार से स्पष्ट कहा कि संविदा कर्मियों की मागें जायज है। हमारी मांगों को सरकार गंभीरता से लें। अगर 20 जुलाई तक मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की गयी, तो आरपार की लड़ाई लड़ी जायेगी।
इस दौरान संयुक्त सचिव सुशील कुमार पांडेय ने भी अपने विचारों को रखा। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में हम सड़कों पर भी उतरने का काम करेगें। बैठक में रविन्द्र सोनार, राणा चंदन सिंह, अनुज कुमार झा, हरेकृष्ण सिंह, नवीन गुप्ता, चंदन कुमारी, सीता तिग्गा, सुमन कुमारी, पुष्पा देवी, बिरसा भेंगरा ,शांति बागे समेत अन्य उपस्थित थे।
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