राज्य में इंस्पेक्टर से लेकर चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मी और चालक पुलिसकर्मी तक के स्वीकृत 89,680 पदों पर कार्यरत लोगों के विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी की जा सकती है। पुलिस मुख्यालय डीआइजी (बजट) डॉ शम्स तबरेज ने इसका प्रस्ताव तैयार कर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव को भेजा है।
अगर इस प्रस्ताव के अनुसार झारखंड के पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के विभिन्न प्रकार के भत्तों में बढ़ोतरी की जाती है, तो राज्य सरकार को करीब 63,85,76,470 रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। दरअसल, गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से पूछा था कि झारखंड पुलिस के कनीय पदाधिकारी एवं कर्मियों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों को पुनरीक्षित करने का क्या आधार है? साथ ही पड़ोसी राज्यों में पुलिसकर्मियों के भत्ता पुनरीक्षण की क्या स्थिति है? इसके आलोक में पुलिस मुख्यालय के स्तर से बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से जानकारी ली गयी। जानकारी मिली कि बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, नयी दिल्ली और उत्तराखंड में सातवें वेतन आयोग के आलोक में भत्तों को पुनरीक्षित किया गया है।
झारखंड पुलिस के जूनियर अफसरों और कर्मियों के बहुरेंगे दिन
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