झारखंड पुलिस कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस के इस कार्रवाई के मद्देनजर कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह का मजबूत सदस्य माने जाने वाले सुनील मीणा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही झारखंड पुलिस के लिखित आग्रह करने पर सुनील मीणा का पासपोर्ट को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
झारखंड एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इस्तेहार भी चस्पा किया जा चुका है। अब जल्द ही उसके घर के कुर्की प्रक्रिया को पूरी की जायेगी। टेक्निकल एक्सपर्ट में माहिर अमन साहू गैंग के लिए मयंक उर्फ सुनील मीना मलेशिया में रह कर काम कर रहा है।
झारखंड एटीएस के जानकारी के अनुसार सुनील मीना पिछले कई वर्षों से मलेशिया में रह कर झारखडं संभाल रहा है। इसके साथ ही झारखंड में कारोबारियों से इंटरनेट कॉल के जरिये रंगदारी और धमकी देता है।
इंटरनेट कॉल के जारिये हुआ था मयंक का खुलासा..
इंटरनेट कॉल के जारिये से कुछ दिन पहले मंयक सिंह और सुनील कुमार मीणा के बारे में पता चला था कि दोनों एक ही शख्स है। जो झारखंड के कारोबारियों को धमकी देता है। इसके साथ ही झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के लिए सुनील कुमार मीणा ही मयंक सिंह के नाम का इस्तेमाल कर काम करता है। झारखंड में एटीएस थानों में मयंक उर्फ सुनील मीना के खिलाफ एक दर्जन से अधिक केस दर्ज किये गये हैं।
क्या है लुकआउट नोटिस..
लुकआउट नोटिस एक परिपत्र होता है। जिसका उपयोग भारत में अधिकारियों के द्वारा यह जांच ने के लिए किया जाता है कि कोई यात्रा करने वाला व्यक्ति पुलिस का वांछित है अथवा नहीं। यानी इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों या फिर समुद्री बंदरगाहों (अंतरराष्ट्रीय सीमा ) पर यात्रा करने वाले व्यक्तियों की जांच के लिए किया जाता है। जब कोई अपराधी कानून की गिरफ्त से फरार हो जाता है, तब लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है। लुकआउट नोटिस जारी करने से पहले कानून पालन करवाने वाली एजेंसियों की तरफ से अनुरोध किया जाता है। भारत में लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों को ध्या में रखते हुये जारी किया जा सकता है।
कैसे होता हैं लुकआउट जारी..
लुकआउट नोटिस (एलओसी) किसी भी आरोपी (भारतीय या विदेशी) के खिलाफ जारी किया जा सकता है। कोई अपराधी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा है या अदालत में पेश होने से इनकार कर रहे है, तो ऐसे स्थिती में उसके खिलाफ भी नोटिस जारी किया जा सकता है। इस नोटिस को अदालत, सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत अन्य 15 प्राधिकरणों के आदेश पर जारी किया जा सकता है।
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