झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने राहुल गांधी को अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में राहत प्रदान की है। राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के उपरांत निचली अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर एक माह के लिए रोक लगा दी है। राहुल गांधी के अधिवक्ता को ट्रायल फेस करने के लिए अग्रतार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है । मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई की निचली अदालत द्वारा जारी किए गए गैर जमानती वारंट गलत है। यह नियम संगत नहीं है। इसलिए इसे रद्द कर दी जाए या इस पर रोक लगा दी जाए। अदालत में उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए एक माह के लिए रोक लगा दी है।
बता दें कि वर्ष 2018 में एक अधिवेशन में राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी में हत्यारा भी पार्टी अध्यक्ष बन सकता है। कांग्रेस में हत्यारा पार्टी अध्यक्ष नहीं बन सकता है। उनका यह कहना भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह से संबंधित था। उसी टिप्पणी से आहत होकर झारखंड के चाईबासा जिले के प्रताप कटिहार ने निचली अदालत में शिकायतवाद याचिका दायर की थी। निचली अदालत ने उनके आवेदन पर संज्ञान लेने के उपरांत मामले को सुनवाई के लिए चाईबासा के सांसद व विधायक के लिए विशेष गठित कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। पूर्व में इस मामले में अदालत ने राहुल गांधी को हाजिर होने का आदेश दिया था। लेकिन ना तो राहुल गांधी आए और ना ही उनके अधिवक्ता अदालत पहुंचे। उसके बाद अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। दिल्ली पुलिस को वारंट की तमिल करने का आदेश दिया । उसके बाद राहुल गांधी के अधिवक्ता निचली अदालत में आवेदन देकर छूट मांगी थी। अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया उसे हाजिर होने का आदेश दिया निचली अदालत द्वारा आवेदक को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौ
झारखंड हाईकोर्ट ने चाईबासा कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर एक माह की लगाई रोक, राहुल गांधी को मिला राहत
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