झारखंड हाइकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने ईडी के अधिवक्ता को 10 जून से पहले शपथ पत्र दायर करने को कहा है। जिसके बाद अब इस याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 10 जून को निर्धारित की गयी है।
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बड़गाई अंचल की 8.86 एकड़ जमीन से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग मामले में आरोपी है। जिसको लेकर हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने सोमवार (27 मई) को जामनत याचिका दायर की थी। इस दौरान कोर्ट से जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया था। जिसपर न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने मंगलवार (28 मई) को सुनवाई की तारीख मुकर्रर हुई थी।
वहीं, याचिकाकर्ता हेमंत सोरेन ने अदालत को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ जमीन कब्जे करने का आरोप पूरी तरह से झूठा है। इसका कोई आधार नहीं है। इस जमीन में कहीं भी मेरा नाम नहीं है। इसके बावजूद इस मामले में मुझे घसीटा जा रहा है। बड़गाई की 8.86 एकड़ जमीन भुईंहरी प्रकृति की जमीन है। जिसका ट्रांसफर होना संभव नहीं नहीं है। इस जमीन का मालिकाना अधिकार और ना ही जमीन के किसी दस्तावेज में उनका नाम है। इसके बावजूद ईडी ने उक्त जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया गया है। जोकि सरासर गलत है।
बता दें कि इससे पूर्व हेमंत सोरेन अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे। सुनवाई के दौरान जब अदालत को पता चला कि सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने केस से जुड़े तथ्य छुपाए हैं। इसके बाद जज ने इस पर अपनी नाराजगी जतायी की थी। जिसपर कपिल सिब्बल ने अपनी गलती स्वीकार कर याचिका वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था। इसपर कोर्ट ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी थी। जिसके बाद झारखंड हाइकोर्ट में आज पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
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