झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोयला व्यापार में अवैध वसूली मामले पर अहम फैसला सुनाया हैं। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई को प्रारंभिक जांच (पीई) करने का आदेश दिया हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा है कि प्रारंभिक जांच में कोई मामला बनता है, तो सीबीआई प्राथमिकी दर्ज करें। जिसके आलोक में आगे की कार्रवाई को सुनिश्चित किया जायेगा। इससे पूर्व झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर 24 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता मनोज कुमार ने पैरवी की। जिसमें उन्होंने अदालत को बताया कि प्रार्थी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं हैं। प्रार्थी की ओर से लगाये धनबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोयला के व्यापार में अवैध वसूली वाले आरोप का कोई आधार नहीं हैं। पुलिस ने प्रार्थी के खिलाफ कार्रवाई की हैं। जिसके वजह से प्रार्थी ने पुलिस पदाधिकारियों को फंसाने की नियत से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया हैं।
वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अपना पक्ष रखते हुये राज्य सरकार के दलीलों का विरोध किया। दरअसल प्रार्थी ने अपने याचिका पर धनबाद के तत्कालीन पुलिस पदाधिकारियों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया हैं। जिसमें याचिका के माध्यम से आग्रह किया गया था कि प्राथमिकी दर्ज कर स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच करायी जाये।
क्या है पूरा मामला..
प्रार्थी अरूप चटर्जी ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी। जिसमें अरूप चटर्जी ने धनबाद के तत्कालीन एसएसपी संजीव कुमार, डीएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकरियों के खिलाफ ऑनलाइन आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया था। लेकिन उस वक्त पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। जिसके बाद चटर्जी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने याचिका दाखिल कर यह आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी धनबाद में कोयला व्यापार से अवैध वसूली करते थे। जिसके तहत इस मामले पर कोर्ट से सीबीआई जांच कराने की मांग की।