मोदी सरनेम मानहानि मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी अदालत ने की स्वीकार
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने बुधवार को सरनेम मानहानि से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एमएलए / एमपी कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देने संबंधी याचिका की सुनवाई हुई। अदालत ने राहुल गांधी की याचिका को स्वीकृत कर लिया। अब निचली अदालत में राहुल गांधी की जगह उनके अधिवक्ता प्रस्तुत होंगे। प्रार्थी राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता दीपांकर ने पैरवी की। कोर्ट ने राहुल गांधी के सीआरपीसी की धारा 205 के आवेदन को स्वीकृत कर उन्हें निचली अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्रदान की। कोर्ट ने शर्तों के आधार पर दी गई छूट में कहा है कि वह अपनी पहचान नहीं छुपाएंगे और अगर उनकी अनुपस्थिति में कोई गवाह एग्जामिन होता है, तो उस पर भी सवाल नहीं उठाएंगे।
क्या है पूरा मामला
रांची के एमपी/एमएलए कोर्ट ने बीते 3 मई को राहुल गांधी को उक्त मामले में सशरीर उपस्थिति से छूट संबंधित सीआरपीसी की धारा 205 के तहत दायर याचिका को खारिज कर दिया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत में उपस्थिति से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दाखिल कर कहा था कि इस मामले में कार्यवाही के दौरान उन्हें उपस्थिति से छूट देते हुए अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होने की अनुमति दी जाए। इसे एमपी/ एमएलए कोर्ट ने खारिज करते हुए राहुल गांधी को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। दरअसल इस मामले में रांची सिविल कोर्ट में एक शिकायतवाद दर्ज की गई थी। यह शिकायतवाद राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम वालों पर की गई टिप्पणी के आलोक में शिकायतकर्ता प्रदीप मोदी की ओर से रांची सिविल कोर्ट में किया गया था।
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