जेपीएससी से सिविल सेवा प्रथम एवं द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा का स्टेटस रिपोर्ट मांगा
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टि संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में गुरुवार को प्रथम एवं द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच कराने वाली बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका एवं राज्य सरकार की अपील की सुनवाई हुई। मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि जेपीएससी से सिविल सेवा प्रथम एवं द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा का स्टेटस रिपोर्ट मांगा सीबीआई ने जिन आरोपियों (राज्य सरकार के अधिकारियों) के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए स्वीकृति आदेश मांगी थी, उसपर क्या हुआ? किनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी गई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और राकेश रंजन ने पैरवी की। कोर्ट के आदेश के आलोक में मामले में सीबीआई की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया गया। पूर्व में कोर्ट ने सीबीआई डीआईजी, पटना को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर यह भी बताने को कहा था कि किन-किन आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति मांगी गई है। इसके साथ ही यह अभियोजन स्वीकृति कब-कब मांगी गई है। अपील पर सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से कोर्ट को मौखिक रूप से बताया गया था कि सरकार ने उन्हें पद पर फिर से बहाल कर प्रमोशन दे दिया है उनमें से बहुत लोगों का कंफर्मेशन भी हो गया है। इसलिए सरकार की अपील पर मेरिट पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार एक तरफ जेपीएससी द्वितीय की परीक्षा के नियुक्त अधिकारियों को रीइंस्टेट कर उन्हें प्रमोशन दे रही है और उनकी नियुक्ति कंफर्म कर रही है। वहीं दूसरी ओर नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ अपील भी दायर कर रही है, यह समझ से परे है। दरअसल, बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेरा फेरी एवं एवं रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है। वही राज्य सरकार की ओर से जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय के नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ एलपीए दायर किया गया है। बता दें कि पहले राज्य सरकार द्वारा ली गई प्रथम एवं द्वितीय जेपीएससी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दिया गया था। लेकिन 12 साल बाद भी इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है सभी आरोपी नौकरी कर कर रहे हैं और सुनवाई लंबित है।