झारखंड हाईकोर्ट में आदिवासियों के धर्मांतरण से जुड़ी जनहित याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ में सनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जानना चाहा है कि झारखंड के किन-किन जिलों में आदिवासियों का धर्मांतरण हो रहा हैं। इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अबतक क्या-क्या कदम उठाये हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दोनों सरकारों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा हैं। जिसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की गयी हैं।
दरअसल समाजसेवी सोमा उरांव ने आदिवासियों के धर्मांतरण से जुड़ी जनहित याचिका दायर की थी। बता देंं कि याचिकर्ता का पक्ष अधिवक्ता रोहित रंजन सिन्हा रख रहे हैं। उन्होंने इससे पूर्व अपना पक्ष रखते हुये कोर्ट में कहा था कि चंगाई सभा के माध्यम से आदिवासियों को प्रलोभन दिया जाता हैं। जिसके तहत उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा हैं। जिसपर अविलंब रोक लगनी चाहिए। राज्य सरकार के स्तर पर एक जांच कमेटी गठन होनी चाहिए। जो इन मुद्दों पर गहराई से जांच करें।