बिरसा मुंडा जेल अधीक्षक हामिद अख्तर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल पूरा ममला सीसीटीवी से जुड़ा है। जेल में बंद मनी लॉड्रिंग से जुड़े आरोपियों को मदद पहुंचाने, जेल मैनुअल को ताक पर रखकर फैसला लेने समेत अन्य मुद्दों पर जेल अधीक्षक हामिद अख्तर की परेशािनयां बढ़ने वाली है। इस बाबत आज ईडी के अधिकारियों ने एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में दूसरी बार समन देकर बिरसा मुंडा जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बावजूद वे ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे। वहीं ईडी ने होटवार जेल प्रशासन से निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के गिरफ्तारी के बाद यानी 11 मई 2022 से सीसीटीवी फुटेज की मांग की है।जिसको लेकर झारखंड सरकार बिरसा मुंडा जेल से जुड़े सीसीटीवी फुटेज ईडी को सौंपने के लिए राजी हो गए है। इसी फूटेज से जुड़े मामले पर पूछताछ के लिए ईड़ी ने जेल अधीक्षक को समन भेजा था।
वही पूर्व में अधीक्षक हामिद अख्तर ने इससे जुड़े एक आवेदन पीएमएलए कोर्ट में दायर किया था। इस आवेदन के माध्यम से उन्होंने सीसीटीवी फुटेज जमा करने की बात कही है। बताते चले ईडी ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को जेल भेजे जाने के बाद की पूरी सीसीटीवी फूटेज चाहिए थी। जिससे ईडी को मिली सूचना यानी जेल के अंदर मनी लाउंड्रिंग से जुड़े आरोपी आपस में मुलाकात करने की सूचना की पुष्टी की जा सके। जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसमें जेल के अंदर छापा मारी करने की बात कही गयी थी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही ईडी ने जेल में छापामारी कर छवि रंजन के कमरे की सीसीटीवी फुटेज जब्त किया था। जिसमें दलाल प्रेम प्रकाश और छवि रंजन की मुलाकात की पुष्टी भी हुई थी।
क्या है पूरा मामला
दरसल पीएमएलए कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज ईडी को देने को कहा था। जिसके बाद जेल अधीक्षक कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट चले गये। उस याचिका पर हाइकोर्ट में 28 जून को सुनवाई होनी है। ईडी को जब जानकारी हुई कि जेल के अंदर मनी लॉउंड्रिंग के आरोपियों से मिलने आने वाले लोग बिना अनुमती जेल मैन्युअल को ताक पर रखकर जन्मदिन समेत अन्य गतिविधियां कर रहे है। उसके बाद ही इस सूचना की पुष्टि के लिए ईडी ने जेल अधीक्षक से सीसीटीवी फुटेज मांगा था। जिसके बाद जेल प्रशासन ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि यह मामला जेल की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए ईडी को सीसीटीवी फुटेज नहीं दिया जा सकता है। इसके बावजूद कोर्ट ने ईडी के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके बाद फिर से जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी।