झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में राज्य में डायन बिसाही को लेकर हत्या और मारपीट की बढ़ती घटनाओं को लेकर कोर्ट के स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को नया शपथ पत्र दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि झारखंड में डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को रोकने और लोगों को जागरूक करने को लेकर क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर निर्धारित की गई। पिछली सुनवाई में मेंबर सेक्रेट्री, झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि गुमला जिले में डायन बिसाही को लेकर मारपीट एवं हत्या की घटनाएं सर्वाधिक होती है। ऐसे में झालसा के द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को डायन बिसाही की रोकथाम को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। मामले में एमिकस क्यूरी सुचित्रा पांडे ने पैरवी की। बता दें कि राज्य में डायन बिसाही को लेकर होम वाली हत्या की घटनाओं को लेकर कोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लिया है।
पूर्व में सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि झालसा वैसे जगह पर पहुंची है जहां डायन बिसाही जैसी घटनाएं घटित होती हैं। इन क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि डायन को लेकर होने वाली हत्या पर रोकथाम हो सके। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया था कि डायन बिसाही जैसी घटनाओं पर अंकुश के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
झारखंड : डायन बिसाही, हत्या और मारपीट की बढ़ती घटनाओं को लेकर कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
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