झारखंड के तीनों चिकित्सा महाविद्यालयों में अनुबंध कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण को लेकर पारा मेडिकल छात्र विरोध प्रदर्शन करे रहे है। जिसको लेकर झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ ने आपत्ति दर्ज की है। संघ के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों में पैरामेडिकल की पढ़ाई छात्रों के हित में है। इसका सीधा लाभ छात्रों को ही मिलेगा। उन्होंने मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामवृक्ष महतो पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे छात्रों को भड़का कर विरोध कर रहे है। जो किसी प्रकार से छात्रों के लिए उचित नहीं है। छात्रों के उज्जवल भविष्य को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। झारखंड में NHM/JSACS के अंतर्गत अनुबंध पर नियुक्ति के लिए रिक्तियों का विज्ञापन के पश्चात समिति द्वारा रोस्टर का पालन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि अनुबंधित पैरामेडिकल कर्मियों को सरकार के माध्यम से कार्य क्षमता विकसित करने के लिए प्रदेश में स्थित चिकित्सा महाविद्यालय में समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए जाते रहे है। झारखंड पारा मेडिकल काउंसिल का गठन वर्ष 2012 में हुआ था। पैरामेडिकल की पढ़ाई सिर्फ और सिर्फ मेडिकल कॉलेज में ही नहीं बल्कि मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों में भी होते है। कुछ तकनीकी कारण की वजह से वर्षों पहले पैरामेडिकल कोर्स और अनुबंध पर कार्यरत पारा मेडिकल कर्मियों (झारखंड पैरामेडिकल काउंसिल गठन के पूर्व से कार्यरत अनुबंधीत पारा मेडिकलकर्मी ) के झारखंड पैरामेडिकल काउंसिल में निबंधन के लिए 15 दिनों के ब्रिज कोर्स का प्रावधान विभाग द्वारा किया गया है। वर्तमान में इसके तहत तीनों चिकित्सा महाविद्यालय में राज्य सरकार के अंतर्गत अनुबंध पर नियुक्त पैरामेडिकल कर्मियों को दिनांक 16/01/2024 से दिनांक 30/01/2024 तक विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दिनांक 16/01/2023 को चिकित्सा महाविद्यालय जमशेदपुर में आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्त पैरामेडिकल कर्मियों के बहकावे में आकर महाविद्यालय में पैरामेडिकल कोर्स के प्रशिक्षणरत प्रशिक्षुओ विरोध कर रहे है। पैरामेडिकल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष रामवृक्ष महतो के नेतृत्व में प्रशिक्षण का विरोध किया जा रहा है। जिसमें वे सैकड़ो कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों के फर्जी होने की बात कही जा रही है। विशेष प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अनुबंधित पैरामेडिकल कर्मी 10 वर्षों से अधिक समय से अनुबंध पर कार्यरत हैं। इसमें सभी कर्मी निर्धारित योग्यताधारी है। उन्होंने कहा कि झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मचारी संघ फर्जी संगठन के बयानों की कड़ी निंदा करती है। यदि वह जल्द नहीं संभले तो राज्य के सभी जिलों में उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और स्वास्थ्य कर्मी से अभद्र व्यवहार करने का सामूहिक मानहानि प्राथमिक दर्ज कराया जाएगा।