दो दिवसीय झारखंड विधानसभा सत्र की तैयारी पूरी कर ली गयी है। सत्र पांच और छह फरवरी को होगा। जिसमें पहले ही दिन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को विश्वास मत हासिल करना होगा। यह मुख्यमंत्री के लिए लिटमस टेस्ट होगा। चंपई सोरेन के लिए चुनौती उनके नेतृत्व में एक तिहाई बहुमत के आकड़े को आसानी के साथ पार करना है। वही, विपक्ष ने भी विश्वास मत को लेकर पूरी तैयारी कर ली है।
साल का पहला सत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण से शुरु होगा। जिसके बाद विधायी कार्य आरंभ हो जाएगी। इसके बाद विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन विश्वास प्रस्ताव का प्रस्ताव देगे। इसके बाद विधानसभा स्पीकर फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री को आमंत्रित करेगे। जिसके बाद विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कर वोटिंग प्रक्रिया को शुरु कर दी जाएगी। इन सभी प्रक्रिया में देखने वाली बात यह है कि राज्यपाल के अभिभाषण पहले होते है अथवा विश्वास प्रस्ताव के बाद। यह झारखंड विधानसभा के कार्यवाही के दौरान ही पता चल पाएगा।
सर्किट हाउस से बस पर सवार होकर पहुंचेगे विधायक
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की शपथ समारोह के बाद महागठबंधन के विधायक चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद के लिए रवाना हो गए थे। जिसके बाद रविवार को सत्ता पक्ष के सभी विधायक पांच फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए वापस देर शाम रांची पहुंचेगे। सूत्रों के अनुसार बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से सभी विधायक को बस में बैठा कर सर्किट हाउस ले जाया जाएगा। यही सभी विधायक रात्रि में आराम करेगे।
जिसके बाद पांच फरवरी (सोमवार) को दो बसो में सवार होकर तकरीबन सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच में सभी विधायक सर्किट हाउस से विधानसभा पहुंचेगे। बस पर विधायकों को लाने का मकसद एक साथ विधानसभा में पहुंकर सरकार के पक्ष में वोटिंग करना है। इस बाबत गंठबंधन सरकार में शामिल सभी पार्टियों ने अपने -अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है।
पुलिस कस्टडी में पहुंचेगे विधानसभा हेमंत सोरेन, फ्लोर टेस्ट में करेगे वोटिंग
अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक हेमंत सोरेन को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की इजाजत प्रदान कर दी है। फ्लोर टेस्ट की तारीख पांच फरवरी निर्धारित है। पांच फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे हेमंत सोरेन को पुलिस कस्टडी के बीच ही विधानसभा आएगे। फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया जैसे ही खत्म होगी, उनको पुन: पुलिस कस्टडी में ले लिया जाएगा। अदालत ने पुलिस कस्टडी में रहते हुए हेमंत सोरेन को मीडिया से दूरी बनाए रखने को कहा है। वे मीडिया से बातचीत नहीं कर सकेगे।
सत्र में सीनियरिटी के आधार पर बैठने की है व्यवस्था
विधानसभा में विधायकों के बैठने की व्यवस्था सीनियरिटी के आधार पर किया गया है। स्पीकर के दाएं साइड सत्ता पक्ष और बाएं साइड विपक्ष के विधायक बैठेंगे। दाएं साइड की बात करें तो पहले मुख्यमंत्री उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री बैठेगे। उसके बाद मंत्रीमंडल में शामिल मंत्रियों को बैठाया जाएगा। इन सबके बाद सीनियरिटी के आधार पर विधायक को बैठाने की व्यवस्था है। सीनियरिटी का मतबल कौन कितने बार अपने क्षेत्र से चुनकर वापस विधानसभा पहुंचे है। पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक हेमंत सोरेन विश्वास मत के दौरान वोटिंग करने के लिए विधानसभा में सत्ता पक्ष की ओर से पहले पंक्ति पर बैठेंगे। उनका स्थान विधानसभा सचिवालय ने निर्धारित कर दिया है।