झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी हैं। इस लिस्ट के तहत बीजेपी ने दो उम्मीदवारों के नामों की घोषण की हैं। जहां बरहेट से गमालियल हेम्ब्रम और टुंडी से विकास महतो को प्रत्याशी बनाया गया हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में बरहेट सीट पर सबकी निगाहें रहेगी। दरअसल अब बरहेट से गमालियल हेम्ब्रम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच सीधा मुकाबला होगा।
बीजेपी ने काफी माथा पच्ची के बाद बरहेट से गमालियल हेम्ब्रम के नाम पर मुहर लगायी हैं। वहीं टुंडी विधानसभा सीट की घोषणा के साथ ही आजसू पार्टी के सुप्रिमो सुदेश महतो की इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी विराम लग गया हैं। इस सीट से बीजेपी ने विकास महतो को प्रत्याशी बनाया हैं।
इस घोषणा के साथ ही एनडीए फोल्डर में बीजेपी को मिली 68 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी हैं। दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए गंठबंधन से बीजेपी, आजसू , जदयू और एलजेपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर गठबंधन में शामिल दलों के तय 81 सीटों के बटंवारे में बीजेपी को 68, आजसू को 10, जदयू को दो और एलजेपी को 1 सीटें मिली हैं। वहीं, बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट 19 अक्टूबर को जारी कर दिया था। जिसमें 66 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गयी थी।
राजनीति में आने के लिए गमालियन ने छोड़ी शिक्षक की नौकरी, 2019 में मिले थे मात्र 2,573 वोट..
चुनाव में सबकी निगाहें बरहेट सीट पर हैं। जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद चुनाव लड़ रहे हैं। बरहेट सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। हेमंत सोरेन यहां से दूसरी बार चुनाव जीतने की तैयारी में हैं, तो वहीं बीजेपी ने गमालियन हेम्ब्रम पर दांव खेला हैं। जो हेमंत सोरेन के सामने अभी राजनीति में कम अनुभवी हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब गमालियन हेम्ब्रम चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले 2019 में भी उन्होंने हेमंत सोरेन के खिलाफ बरहेट सीट से चुनाव लड़ा था। उस समय उनकी उम्र मात्र 25 साल थी।
विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी और आजसू पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस दौरान ही गमालियन को आजसू ने टिकट दिया था। अब 2024 विधानसभा चुनाव बीजेपी और आजसू एक साथ मिल कर लड़ रही हैं। जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना हैं। साथ ही यह भी एक सवाल है कि क्या बरहेट की जनता का गमालियन हेम्ब्रम को आशीर्वाद मिल पायेगा या फिर वहां की जनता एक बार फिर से हेमंत सोरेन पर ही अपना भरोसा जतायेगी। खैर यह मतगणना के दिन यानी 23 नवंबर 2024 को साफ हो जायेगे।
वहीं, शिक्षक की नौकरी छोड़कर गमालियन हेम्ब्रम ने पांच साल पहले ही राजनीति में कदम रखा हैं। उनकी पत्नी भी जनप्रतिनिधि हैं। चुनाव लड़ने के लिए गमालियन ने पारा शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा दिया था। हालांकि, 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान उन्हें कुल 2,573 वोट ही मिले थे। वहीं, हेमंत सोरेन को 73,725 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीजेपी के सिमोन मालतो रहे थे। जिन्हें 47,985 वोट मिले थे। वहीं, इन सब के बीच बरहेट की खैरवा पंचायत से गमालियन हेम्ब्रम की पत्नी विनीता टुडू दो बार की मुखिया रह चुकी हैं। गमालियन की तरह ही उनकी पत्नी विनीता टुडू भी क्षेत्र में अधिक सक्रिय हैं।