देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की भूमिका खत्म किए जाने को लेकर आज सरकार ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया है। वहीं, विधेयक पेश होने से पहले कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री के हाथों की कठपुतली बनाने का प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसका उद्देश्य मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से बचाना था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि इनकी नियुक्तियां प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की सदस्यता वाली एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएंगी।
मालूम हो कि चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे अगली साल 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसलिए अगले साल की शुरुआत में चुनाव आयोग में एक रिक्ति निकलेगी। उनकी सेवानिवृत्ति चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित 2024 लोकसभा चुनावों की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले होगी।
सीईओ की नियुक्ति में जेसीआई का ना हो दखल, जाने क्या है राज्यसभा में पेश इस विधेयक में
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