आईएएस अधिकारी सह तत्कालीन ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रहे मनीष रंजन सोमवार को एयरपोर्ट रोड़ स्थित ईडी कार्यालय पहुंच चुके है। जिसके बाद उन से ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर मैनेज और कमीशन घोटाले मामले को लेकर पूछताछ की जारी रही है। ईडी ने विभाग के सचिव रहे मनीष रंजन से पहले भी यानी 28 मई को पूछताछ कर चुकी है। ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर मैनेज और कमीशन घोटाले मामले को लेकर ईडी ने अपनी जांच को आगे बढ़या है। जिसके बाद ईडी ने फिर से समन देकर 3 जून को पूछताछ के लिए बुलाया। इसी सिलसिले में ईडी को पूछताछ में सहयोग करने मनीष रंजन पहुंचे है।
ईडी झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में 3000 करोड़ रुपये घोटाले से जुड़े खुलासे और अन्य जानकारियां जुटाने को लेकर दूसरी बार आईएएस अधिकारी मनीष रंजन से पूछताछ कर रही है। अबतक ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर में हुई कमीशन के खेल में विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री के पीएस संजीव लाल, पीएस का नौकर जहांगीर आलम और निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बता दें कि पहले समन में आईएएस अधिकारी मनीष रंजन 24 मई को हाजिर होने को कहा गया था। लेकिन वे नहींं पहुंचे, उनका पत्र लेकर उनका एक कर्मचारी पहुंचा। जिसमें पूछताछ के लिए दूसरी डेट देने की बात कही गई थी। जिसके बाद दूसरा समन देकर उन्हें 28 मई को ईडी कार्यालय बुलाया गया। इस दौरान उनसे तकरीब लगतार आठ घंटे तक पूछताछ हुई। इसके बाद उन्हें तीन जून को वापस पूछताछ में सहयोग करने को लेकिन आने की बात पर घर जाने दिया गया था।
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