झारखंड राज्य दफादार- चौकीदार पंचायत के बैनर तले शुक्रवार को भी छह सूत्री मांगों के समर्थन में राजभवन के समीप आंदोलन जारी रहा। चौकीदार दफादार अपने हक को लेकर दूसरे दिन भी आंदोलन पर डटे हुये है। इसका नेतृत्व झारखंड राज्य दफादार- चौकीदार पंचायत के अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह कर रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार दफादार- चौकीदारों का हक नहीं दे रही है। सिर्फ आश्वासन के आधार पर काम नहीं किया जा सकता है। जिसको देखते हुये अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। हम सरकार के समक्ष शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बातों को रख रहे हैं। छह सूत्री मांगों में सेवा विमुक्त चौकीदार को पुनः योगदान करने को लेकर सभी उपायुक्तों को आदेश देने, सेवा विमुक्त और चौकीदारों के रिक्त पदों पर निकाला गया विज्ञापन पर रोक, 1 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति, पूर्व नियुक्त प्रक्रिया के अनुसार करने का आदेश सभी उपायुक्तों को देने, चौकीदार के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर नियुक्ति करने पर रोक लगाने, झारखंड चौकीदार सवर्ग नियमावली -2015 के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर बीट सृजीत करने, सेवानिवृत्त चौकीदार दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्त प्रक्रिया के अनुसार करने, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-16(4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी करने, वर्दी भत्ता प्रतिवर्ष 1000 हजार रुपए देने, चौकीदार दफादारो को भी 13 माह का वेतन देने, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ देने, 31 दिसंबर 1989 को सेवानिवृत्त चौकीदार दफादारो के आश्रित की नियुक्ति, अनुकंम्प के आधार पर आश्रितों को लाभ देने समेत अन्य मागें शामिल है। इस दौरान संयुक्त सचिव उमेश पासवान ने भी अपने विचारों को रखा। धरना स्थल पर निजात अंसारी, नारायण भोक्ता, शिबू पहाड़िया, परमेश्वर पासवान, धनराज यादव, जगत गोप, दुर्गा महोली, राजू कुमार राम, नरेश यादव, अनुरोध मुरली, सोमनाथ साहू, सुरेंद्र कुमार, गणेश कुमार, सुमंती देवी, फुलिया देवी, अजय राम, एतवा उरांव, पप्पू कुमार, अजय सरकार, जयराम पासवान, सरोज इंदीवर, भागीरथ पासवान, लक्ष्मण हजरा, दिनेश तुरी, शेखर सिंह, भुवनेश्वर सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।