ध्वनि प्रदूषण नियम का उल्लंघन मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मंगलवार को शहर में शहर के बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला, मैरेज हॉल में लाउडस्पीकर एवं डीजे के साथ रात 10:30 बजे के बाद बारात लगने से होने वाली ध्वनि प्रदूषण नियम का उल्लंघन होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। प्रार्थी एवं राज्य सरकार का पक्ष सुनने के पश्चात अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक कहा कि रांची शहर के थाना क्षेत्र में पीसीआर वैन का नंबर जारी करें ताकि ध्वनि प्रदूषण के नियम का उल्लंघन होने पर लोग पीसीआर को सूचित कर सकें। यह याचिका झारखंड सिविल सोसाइटी की ओर से दाखिल की गई है। इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने कोर्ट को बताया गया की रात 10:00 बजे के बाद भी शहर में डीजे एवं लाउडस्पीकर बजते हैं। जिससे लोगों को कभी परेशानी होती है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर में अलग-अलग जगह पर साइलेंस जोन में ध्वनि के डेसिबल के अलग-अलग मानक निर्धारित किए गए हैं। जिला प्रशासन ने संबंधित ऑपरेटरों के साथ बैठक कर सख्त हिदायत दी गई है कि ध्वनि के जो निर्धारित डेसिबल मानक है। उसका उल्लंघन करने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। रात 10 बजे के बाद कोई भी लाउडस्पीकर या डीजे नहीं बजाया जाना चाहिए अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट को यह भी बताया गया की ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन करने पर इस वर्ष जनवरी माह से मई माह तक पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। वही, पूजा जैसे विशेष धार्मिक आयोजनों के दौरान जिला प्रशासन से अनुमति मिलने पर ही रात 12:00 तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट दी जा सकती है।