मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को आगे भी जेल में रहना पड़ेगा। झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। उसकी ओर से दाखिल जमानत याचिका पर 16 मार्च को सुनवाई पश्चात झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सुरक्षित रख लिया था। इससे उसकी मुश्किलें बढ़ गई है। उसने ईडी कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में 19 दिसंबर 2023 को जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की है। ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में 22 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। मामले में वीरेंद्र राम के सहयोगी तीन हलावा कारोबारियों नीरज मित्तल, ताराचंद गुप्ता एवं राम प्रकाश भाटिया भी जेल में है।
वहीं वीरेंद्र राम की पत्नी राज कुमारी एवं पिता गेंदा राम को भी हाईकोर्ट से झटका लगा है। दोनों की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने 22 मार्च को दोनों की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित रख लिया था। ईडी कोर्ट ने दोनों की अग्रिम राहत देने से इनकार किया था। इसके बाद अग्रिम जमानत की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उधर ईडी दोनों की गिरफ्तारी को लेकर प्रयासरत है। ईडी ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के बाद अब दोनों के खिलाफ इश्तेहार कोर्ट से प्राप्त कर लिया है। दोनों पर वीरेंद्र राम की अवैध कमाई की पैसे से दिल्ली में अपने नाम से अचल संपत्ति खरीदने का आरोप है।
हाईकोर्ट : टेंडर कमीशन मामला, जेल में बंद निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को राहत नहीं, याचिका हुई खारिज, ईडी ने पत्नी व पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के बाद अब कोर्ट से किया इश्तेहार हासिल…..
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