रांची में ड्रग्स की खरीद बिक्री को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले में मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सीआईडी डीजी से ड्रग्स की खरीद बिक्री पर रोकथाम लगाने के लिए अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने पूछा है कि जिन थाना क्षेत्रों में ड्रग्स की बिक्री बंद नहीं हुआ है। उस थाना प्रभारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। इसके अलावा ड्रग्स रोकने के लिए जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि रांची में ड्रग्स का कारोबार रूक नहीं रहा है। रांची एसएसपी सहित पुलिस के वरीय अधिकारी राजधानी में ड्रग्स खरीद बिक्री पर रोक नहीं लग पा रहे हैं। ड्रग्स खरीदी बिक्री के जड़ तक पुलिस को पहुंचना होगा। पुलिस केवल छोटे-छोटे ड्रग्स विक्रेताओं को ही पकड़ रही है। ड्रग्स के मुख्य सूत्रधार अभी भी खुले घूम रहे हैं, जिस कारण ड्रग्स के कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है।
अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी ड्रग्स की रोकथाम पर राज्य की पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई की तारीख 14 मई निर्धारित की गई है। बता दें कि राजधानी रांची में ड्रग्स की खरीद बिक्री को लेकर सोशल मीडिया और पेपर में छपी खबर पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने रांची एसएसपी को ड्रग्स कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। खंडपीठ ने कहा था कि सुखदेव नगर थाना इलाके में जो भी ड्रग्स के कारोबार करने वाले दुकानदार या अन्य लोग शामिल है उन्हें चिह्नित करते हुए उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि नशे का शिकार होने से युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। रांची सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर, गांजा आदि की बिक्री करने वालों की गिरफ्तारी की गई। इस पर ही अदालत ने संज्ञान लिया है।