मामला : चिटफंड घोटाला में निवेशकों के डूबे पैसा वापसी के मद्देनजर
चिटफंड घोटाला मामले में निवेशकों के डूबे पैसा की वापसी को लेकर दायर नन बैंकिंग अभिरक्षा निवेशक सुरक्षा समिति समेत अन्य याचिकाओं पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि निवेशकों के डूबे पैसे उन्हें मुहैया कराने के लिए सरकार एक प्रक्रिया अपनाएं। जिसके तहत ठगे गए निवेशकों को पैसा वितरण के लिए एक कमेटी गठित हो। अगर ऐसा नहीं होता है, तो कोर्ट अपना आदेश पारित करेगी। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा निवेशकों के पैसा वापसी को लेकर आईजी, सीआईडी की अध्यक्षता में छह सदस्य वाली कमेटी गठित करने के निर्णय को नहीं माना। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को नई कमेटी के संदर्भ में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त निर्धारित की है।
कई राज्यों के निवेशकों को लौटाया जा रहा डूबे पैसे
पूर्व की सुनवाई में प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि चिटफंड घोटाला में शामिल कई कंपनी के संचालकों की ईडी और सीबीआई ने करोड़ रुपए की संपत्ति एवं पैसे जब्त किए है। चिटफंड घोटाले के सीज पैसे ईडी और सीबीआई ने बैंकों में रखे गए हैं। कई राज्यों में कमेटी बनाकर चिटफंड के शिकार लोगों के केस को डिस्पोजल किया जा रहा है। जिसके माध्यम से उन्हें उनके डूबे पैसे वापस दिलाए जा रहे हैं। झारखंड में भी कमेटी बनाकर निवेशकों के डूबे पैसे को वापस दिलाया जाए। बता दें कि प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर कहा है कि चिटफंड कंपनियों ने अधिक ब्याज का लालच देकर उनके पैसे का गबन कर लिया गया है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन निवेशकों के डूबे पैसे भी वापस दिलवाने की पहल की जाए।