झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनीयर वीरेंद्र राम की अवैध कमाई को व्हाइट करने के मामले में चार्जशीटेड आरोपी सीए मुकेश मित्तल को अग्रिम राहत देने से इनकार किया है। इससे उसको जबरदस्त झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उसकी ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को सुरक्षित फैसला सुनाया गया। मुकेश मित्तल की ओर से उसके वकील ने मामले में अग्रिम राहत की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील अग्रिम जमानत का विरोध किया। बहस के दौरान कहा कि मामले में चार्जशीट दाखिल है। मुकेश मित्तल ने वीरेंद्र राम की काली कमाई का लगभग 14 करोड़ रुपए सफेद करने का आरोप है। इसके एवज में उसको मोटी रकम के रूप में कमीशन मिला था। इसके लिए वह अपने कर्मचारियों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया था। वहीं प्रार्थी के वकील ने राहत देने का अनुरोध किया। सुनवाई पश्चात अदालत ने अर्जी खारिज कर दी। इससे पूर्व निचली अदालत ने 16 दिसंबर को अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट पहुंचा था।