झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सने की खंडपीठ में गुरुवार को सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रार्थियों के लिए 100 सीट रिक्त रखने का जेएसएससी को निर्देश देते हुए संशोधित आदेश पारित किया। कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर से रोक हटा ली है। इससे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने रोक हटाने का आग्रह कोर्ट से किया था। पूर्व में कोर्ट ने सहायक आचार्य नियुक्ति विज्ञापन संख्या 13/ 2023 पर रोक लगा दी थी। जिससे नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2023 के नियमावली के तहत बीआरपी एवं सीआरपी संविदा कर्मियों को सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण लाभ से वंचित किया गया है। मालूम हो कि बीआरपी एवं सीआरपी बहादुर महतो व अन्य की हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जेएसएससी ने कोर्ट को बताया कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 में संविदा पर शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मियों को 50 फीसदी आरक्षण की सुविधा दी गई थी। बाद में संविदा कर्मियों को आरक्षण समाप्त कर दिया गया और नियमावली को संशोधित किया । राज्य सरकार ने संशोधित सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई है, जिसके तहत अब केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को भी आरक्षण मिलना चाहिए था।