झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सिख दंगा पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर सतनाम सिंह गंभीर द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सभी पीड़ित की मुआवजा राशि अभी तक नहीं दिए जाने और अपराधिक मामले की स्टेट्स सही नहीं होने के कारण अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई। अगली सुनवाई में मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा।
पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से गठित वन मैन कमेटी की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया गया कि धनबाद, बोकारो, रांची और पलामू जिले के कुछ पीड़ितों की सूची सरकार को सौंपी है। जिसे मुआवजा देने के लिए कहा है। इसके साथ ही कमेटी ने राज्य सरकार को आपराधिक मामला से संबंधित पूरा ब्योरा कमेटी देने को कहा है । जिस पर सरकार ने संबंधित जिले के डीसी और एसएसपी को इससे संबंधित जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता वाली वन मैन कमेटी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है । साथ ही मुआवजा दिए जाने वाली सूची पर कंप्लायंस के लिए राज्य सरकार ने अदालत से समय की मांग की थी । जिस पर अदालत ने उन्हें समय देते हुए कंप्लायंस कर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया था।
सिख दंगा पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा का स्टेट्स रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी, मुख्य सचिव और डीजीपी को किया तलब
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