झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में बुधवार को जेपीएससी में संविदा पर कार्यरत कर्मी शंकर प्रसाद को नियमित करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कर्मी शंकर प्रसाद को नियतमित करने का निर्देश जेपीएससी और राज्य सरकार को दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि प्रार्थी के नियमितीकरण के लिए जेपीएसपी एवं कार्मिक विभाग को दिए गए आवेदन पर दोनों एक दूसरे पर अपनी जवाबदेही की फेका-फेकी कर रहे हैं। अदालत ने दो महीने में प्रार्थी शंकर प्रसाद की सेवा नियमित करने का निर्देश दिया है। याचिका में प्रार्थी की ओर से कहा गया है कि वह जेपीएससी में चतुर्थ वर्गीय पद पर संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया है। जेपीएससी में चतुर्थ वर्गीय यह पद स्वीकृत पद है। उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया। उनके द्वारा अपनी सेवा के नियमित करने के लिए जेपीएससी के समक्ष आवेदन दिया तो वहां से कार्मिक विभाग जाने को कहा गया। जब वह कार्मिक गया तो जेपीएससी के पास उसे जाने को कहा गया। इस प्रकार दोनों अपनी जवाबदेही से टालमटोल करते रहे।