झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को मैनहट घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज पीई(प्रारंभिक जांच) की रिपोर्ट अब तक नहीं आने और एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर दायर विधायक सरयू राय की याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में राज्य सरकार की ओर से अस्पष्ट सीलबंद रिपोर्ट दायर किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने मामले में एसीबी के एसपी को 17 अगस्त को हाईकोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से मैनहट मामले में सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई। लेकिन रिपोर्ट अस्पष्ट था। जिसे ना तो प्रार्थी के अधिवक्ता, ना ही सरकार की अधिवक्ता और ना ही कोर्ट पढ़ने में सक्षम था। जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एसीबी एसपी को अगली सुनवाई में तलब किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। जानकारी हो कि सरयू राय ने मैनहट को रांची में सीवरेज ड्रेनेज के संबंध में परामर्श एवं अन्य कार्य दिए जाने में 21 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले को उन्होंने झारखंड विधानसभा में उठाया था। जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में एसीबी में पीई दर्ज की गई थी। लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर सरयू राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी ओर से कहा गया है कि ढाई साल बीतने के बाद भी मैनहट घोटाला मामले में पीई में क्या आया यह अब तक पता नहीं चला है।
क्या है ममला
मालूम हो कि पूर्व की सुनवाई के दौरान प्रार्थी द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि दिसंबर 2020 में इस मामले को लेकर एसीबी ने पीई दर्ज की थी, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। इस पर कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसके आलोक में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि मामले में अभी जांच चल रही है। एसीबी की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच जारी रखने के संबंध में राज्य सरकार से लीगल ओपिनियन मांगा गया है। इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया की लीगल ओपिनियन मांगे जाने का मामला सरकार के पास एक साल से अधिक समय तक लंबित है। अगस्त 2022 में ही एसीबी ने सरकार से लीगल ओपिनियन मांगा था। लेकिन अब तक उस पर कुछ नहीं हुआ है। इसके बाद कोर्ट ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को एसीबी में दर्ज पीई के संबंध संदर्भ में सीलबंद रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।