झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो का 36वां शहादत दिवस मनाया गया। शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि निर्मल महतो की शहादत दिवस को एक संकल्प दिवस के रूप मे मनाने की जरूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार और झारखंड में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि INDIA गठबंधन आने वाले चुनाव मे भाजपा को सबक सिखाएगी। झारखंड आंदोलनकारी सह झामुमो नेता शहीद निर्मल महतो के 36वें शहादत दिवस पर जमशेदपुर के कदमा उलियान स्थित समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अलग राज्य के लिए आंदोलन करते वक्त 8 अगस्त 1986 में बिष्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस के पास अपराधियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वही, शहादत दिवस पर बिष्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस और कदमा उलियान समाधि स्थल के अलावा शहीद निर्मल महतो की मूर्ति पर माल्यार्पण करने की भीड़ लगी रही। सुबह से ही अलग-अलग राजनीतिक दल के लोग निर्मल महतो को श्रद्धांजलि दे रहे थे। निर्धारित समय से डेढ़ घंटे लेट राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बन्ना गुप्ता समाधि स्थल पहुंचे और निर्मल महतो की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में मंत्री चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता के अलावा जेएमएम कई विधायक मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद निर्मल महतो के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि आदिवासी- मूल वासियों के कुर्बानियों से अलग झारखंड राज्य का सपना साकार हुआ है। निर्मल दा किसी खास जाति अथवा संप्रदाय के नहीं बल्कि पूरे झारखंड के मसीहा थे। जब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड राज्य रहेगा तब तक निर्मल दा याद किए जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार बनी, तब से लेकर 2 साल तक वैश्विक महामारी का दौर झेला। उसके बाद जब सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू किया, तब विपक्ष के पेट में दर्द होने लगा। जिसके बाद से ही सरकार को अस्थिर करने का हर हथकंडा अपनाया जाने लगा।