झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सोमवार को जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति याचिका में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। ईडी कोर्ट द्वारा बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने को हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
इससे पहले सोमवार को मामले में ईडी की ओर से जबाव दायर किया गया। हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअल मोड में पक्ष रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन चार्जशीटेड नहीं है। वे चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और झारखंड के पूर्व सीएम रह चुके हैं। विधानसभा सत्र में भाग लेना उनका संवैधानिक अधिकार है। झारखंड विधानसभा मैं मनी बिल पास होना है। जिसमें हेमंत सोरेन का सदन में रहना आवश्यक है। यह बजट सत्र काफी छोटा है।
वर्चुअल मोड़ में सुनवाई में भाग लेते हुए ईडी की ओर से एएसजीआई एसवी राजू ने कहा कि मनी लॉउन्ड्रिंग मामले में हेमंत के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। दरअसल, ईडी की विशेष अदालत ने बीते गुरुवार को हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से याचिका दायर कर विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी गई है।
बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो चुका है। जो 2 मार्च तक चलेगा। हेमंत सोरेन अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। इससे पहले हेमंत सोरेन को विश्वास मत के दौरान सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति ईडी की विशेष अदालत से मिली थी। जानकारी होगी हेमंत सोरेन 31 जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं।