राज्य सरकार की ओर से जारी है बहस, अगली सुनवाई की तारीख चार सितंबर को
झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में दस साल से अधिक समय से संविदा पर कार्यरत कर्मियों को नियमित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। लेकिन राज्य सरकार की ओर से बहस पूरी नहीं की जा सकी। अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए चार सितंबर की तारीख निर्धारित की है। इस संबंध में नूतन कुमारी सहित 84 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं। प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि राज्य के विभिन्न विभागों में कंप्यूटर आपरेटर सहित अन्य पदों पर 10 वर्षों से अधिक समय से संविदा पर काम कर रहे हैं। उमा देवी केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें नियमित करने की बात कही गई। यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने नियमितीकरण के लिए नियमावली भी बनाई है। जब संविदा कर्मियों ने सरकार को उनकी सेवा नियमित करने के लिए आवेदन दिया तो सरकार ने उसे खारिज कर दिया। सरकार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नियुक्ति रिक्त पद पर और नियमानुसार हुई है तो वैसे कर्मियों को नियमित किया जाएगा। इस मामले में कई लोगों की नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन किया गया है।