झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को के जस्टिस सुभाष चंद्र की अदालत में यौन शोषण के आरोपी पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के द्वारा निचली अदालत से डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में सभी पक्षों के दलीलें सुनने के पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया है। पूर्व में हाईकोर्ट में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। निचली अदालत में तथ्यों का सही से मूल्यांकन नहीं किया गया। वही पीड़िता की ओर से अधिवक्ता के दलील का विरोध किया। जो भी आरोप लगाया गया है वह सही है। इन्हें सजा मिलनी चाहिए इन्होंने मेरे साथ गलत करने का प्रयास किया। जानकारी हो कि 2019 में झारखंड विकास मोर्चा का एक कार्यक्रम देवघर में हो रहा था। अपने ही दल के नेत्री ने ही विधायक प्रदीप यादव पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए 20 अप्रैल 2019 को देवघर महिला थाना में (कांड संख्या 13/ 2019) प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस मामले में दुमका के एमपी/एमएलए मामले के विशेष अदालत ने उनकी ओर से दाखिल डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी थी। जिसकी चुनौती उन्होंने हाईकोर्ट में दिया है।