झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में रांची समेत राज्य में मीट दुकान विक्रेताओं द्वारा दुकान के बाहर कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को खुले में प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ दायर एस पांडेय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने जिलों के एसपी या एसएसपी को शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए पूछा कि कोर्ट ने पिछले आदेश के आलोक में अवैध रूप से संचालित मांस दुकानों पर क्या कार्रवाई हुई है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 अप्रैल निर्धारित की है। कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में मांस दुकानों पर अभी भी खुले में बकरा एवं मुर्गों का खुले में प्रदर्शन जारी है। अवैध रूप से संचालित दुकानों पर अब तक क्यों नहीं कोई कार्रवाई हुई है। वहीं रांची नगर निगम की ओर से कहा गया कि शहर में अवैध रूप से संचालित कुछ दुकानों को चिन्हित किया गया है। रिपोर्ट एसएसपी को भेजी गई है।
दसअसल पिछली सुनवाई में अंतरिम आदेश पारित करते हुए रांची एवं राज्य के अन्य जिलों के डीसी एवं एसपी को अवैध रूप से मीट दुकान चलानेवाले दुकानों पर रोक लगाने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम और राज्य सरकार से जानना चाहा कि मांस की दुकान में जानवरों के शवों को काले शीशे के दरवाजे और पर्दे से ढके जाने पर जो रेगुलेशन है उसे लागू करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। अदालत ने राज्य से सभी डीसी एवं एसपी को मीट दुकान विक्रेताओं के खिलाफ दो सप्ताह में जांच अभियान चलाएं और उसकी रिपोर्ट तलब की।