पटना सीबीआई के डीआईजी को दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच कराने वाली जनहित याचिका एवं राज्य सरकार की अपील की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई के डीआईजी पटना शाखा को 2 सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान सीबीआई के डीआईजी ऑनलाइन जुड़े। बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेरा फेरी एवं एवं रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है। वही राज्य सरकार की ओर से जेपीएससी द्वितीय के नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ एलपीए दायर किया गया है। बता दें कि पहले राज्य सरकार द्वारा ली गई द्वितीय जेपीएससी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दिया गया था। जिसमें कई आरोपियों के अभियोजन स्वीकृति आदेश नहीं मिलने के कारण मामले की सुनवाई पूरी तरह नहीं हो पा रही अदालत ने यह पूछा है कि किन-किन आरोपियों के अभियोजन स्वीकृति अभी तक नहीं प्राप्त की जा सकी है।
मामले में सुनवाई के दौरान कहा गया कि सीबीआई की ओर से जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया गया वह वर्ष 2014 का था। जिस पर कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता को सीबीआई एसपी को कोर्ट की सुनवाई में ऑनलाइन जोड़ने को कहा। बाद में सीबीआई डीआईजी, पटना कोर्ट के समक्ष ऑनलाइन जुड़े। कोर्ट ने सीबीआई डीआईजी, को निर्देश दिया कि 2 सप्ताह में वह मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताएं कि केस किस स्टेज में है। कोर्ट ने उन्हें कहा कि अगर सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर दिया है और अभियोजन स्वीकृति के लिए गई हैं, तो अभियोजन स्वीकृति पर सुप्रीम कोर्ट का एक समय सीमा सीमा में निर्णय लेने का आदेश है।
कोर्ट में सीबीआई डीआईजी, पटना को यह भी बताने को कहा है किन-किन आरोपियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। यह अभियोजन स्वीकृति कब-कब मांगी गई है। यह भी बताएं। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 सितंबर को निर्धारित की है।
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