झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मंगलवार को चाईबासा जिले में मनरेगा घोटाले की सीबीआई से जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस मामले में एक केस दर्ज किया गया है। जिसकी जांच चल रही है । अदालत ने ईडी को चार सप्ताह में केस की अद्यतन जानकारी अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर तय की। तब तक के लिए सुनवाई को स्थापित कर दी गई है।
मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 14 मामले में से 13 मामले चार्जशीट दाखिल कर दिया है। ईडी के द्वारा इस मामले में जो कागजात मांगी गई थी। वह ईडी को उपलब्ध करा दी गई है। प्रार्थी ने याचिका दायर कर जो मांग मानी थी वह सभी पूरी हो चुकी है। अब इस याचिका की सुनवाई की कोई औचित्य नहीं है। इसलिए इस याचिका को निष्पादित कर दिया जाए। अदालत ने उनके आग्रह को अस्वीकार करते हुए कहा कि अभी ईडी का जवाब देख लेते हैं वही प्रार्थी के अधिवक्ता ने इस मामले में तत्कालीन डीसी श्रीनिवासन की संलिप्त की जांच की भी आदेश देने का आग्रह किया जिसे अदालत ने डाल दिया कहा कि मामले की जांच ईडी कर रही है।
पूर्व में अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो को अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा कि मामले में जितने भी केस दर्ज हुए हैं इस केस की जांच की अद्यतन स्थिति क्या है कितना केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में याचिकाकर्ता मकबूल आलम ने जनहित याचिका दायर की है । यह मामला 2010 के वित्तीय वर्ष में बिना काम किए ही 28 करोड़ राशि की निकासी से जुड़ी है।