कृष्णा नगर कॉलोनी के गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा ने आठवें नानक गुरु हरकिशन साहिब के प्रकाश पर्व को धूमधाम से मनाया। इस दौरान सजाये गए विशेष दीवान की शुरुआत कर स्त्री सत्संग सभा ने शबद गायन की। जिसमें सभा की बबली दुआ,कांता मिढ़ा, ममता मुंजाल,जयती मिढ़ा ने तेरा कीया मीठा लागै हर नाम पदारथ नानक मांगै समेत अन्य ने शबद गायन कर मौजूद लोगों को कर मंत्रमुग्ध दिया। हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह और उनके साथियों ने आसा दीवार का पाठ पढ़ाया। जिसके बाद पूता माता की आशीष, निमख ना बिसरऊ तुम कउ हर हर सदा भजऊ जगदीश….श्री हरकिशन धिआइयै जिस डिठै सब दुख जाए जैसे शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा गया।
गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने कथावाचन करते हुए साध संगत को कहा कि आठवें नानक गुरु हरकिशन साहिब का जन्म सन 1656 में कीरतपुर साहिब में हुआ था। मात्र पांच साल की आयु में ही उन्हें अपने पिता गुरु हर राय साहिब द्वारा गुरु की पदवी हासिल हुई थी। कई लोगों को इस बात पर संदेह था, कि गुरु हरकिशन में गुरु बनने लायक कोई शक्ति है भी या नहीं। इन्हीं में से एक थे लाल चंद जिसने दिल्ली जाने से पहले गुरु हरकिशन साहिब को गीता का अर्थ बताने की चुनौती दी। इस बात पर गुरु हरकिशन जी ने कहा कि वह उनके बदले किसी और को यह कार्य बोलकर करने के लिए ले आए। तब लाल चंद एक बहरे और मूक शख्स छाजू राम को ले आए । गुरु हरकिशन के छाजू राम को हाथ लगाते ही वह शख्स गीता का अर्थ बताने लगा। इस बात पर सभी भौंचक्का रह गए। जिसके बाद लाल चंद गुरु हरकिशन के पैरों में गिर गए। साथ ही उन्होंने भाई गुरुदास की कविता जैसे हीरा हाथ मै तनक सो दिखायी देत मोल कीए दमकन भरत भंडार का उल्लेख करते हुए साध संगत को कहा कि गुरु हरकिशन साहिब की उम्र जरूर कम थी, परंतु वे अद्भुत प्रतिभा से सम्पन्न व गुणी थे।
इनका रहा अहम सहयोग
दीवान में गुरुनानक सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल,अशोक गेरा, हरगोबिंद सिंह,सुरेश मिढ़ा, बिनोद सुखीजा,नरेश पपनेजा,जीवन मिढ़ा,मोहन काठपाल,महेंद्र अरोड़ा,हरीश मिढ़ा,अमरजीत गिरधर,आशु मिढ़ा,नवीन मिढ़ा,राजकुमार सुखीजा,अनूप गिरधर,कमल मुंजाल,रमेश तेहरी,जीतू अरोड़ा, सुरजीत मुंजाल, महेश सुखीजा, रमेश गिरधर, रौनक ग्रोवर,चरणजीत मुंजाल, राकेश गिरधर, जगदीश मुंजाल, प्रताप खत्री, गोबिंद तालेजा, भगवान दास मुंजाल,अश्विनी सुखीजा,गुलशन मिढ़ा, बीआर मग्गो समेत अन्य ने अहम योगदान किया।