झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में बुधवार को जमशेदपुर के बर्खास्त सिविल सर्जन अरविंद कुमार लाल के मामले में सरकार की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने एकल पीठ के आदेश को सही मानते हुए सरकार की अपील खारिज कर दी। एकल पीठ ने मार्च 2023 में सिविल सर्जन अरविंद कुमार लाल को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में अपील दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान अरविंद कुमार लाल की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि एकल पीठ का आदेश सही है। इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस मामले में वादी के खिलाफ न तो आरोप पत्र पर सक्षम प्राधिकार ने स्वीकृति प्रदान की है और न ही विभागीय कार्रवाई में नैसर्गिक न्याय का पालन किया गया है। वर्ष 2005 के मामले में 12 साल बाद यानी वर्ष 2018 में विभागीय कार्रवाई नहीं चलाई जा सकती है। बता दें कि वर्ष 2022 में यह कहते हुए जमशेदपुर के सिविल सर्जन अरविंद कुमार लाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया कि वर्ष 2005 में बिना त्यागपत्र दिए ही उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इस मामले में वर्ष 2018 में उनको आरोप पत्र दिया गया। आरोप के आधार पर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की गई और उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।