केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने नकली दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मांडविया ने मंगलवार को छोटे उद्योग क्षेत्र की दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा कि दवा कंपनियों को स्व नियमन पर जोर देना चाहिए। एमएसएमई फार्मा कंपनियों के लिए दवाओं की गुणवत्ता के प्रति सतर्क रह कर स्व-विनियमन से अच्छी विनिर्माण प्रक्रियाओं की ओर तेजी से आगे बढ़ना आवश्यक है। भारत के लिए विश्व की फार्मेसी का दर्जा बनाए रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति उत्पादों की गुणवत्ता से बनी है। इसीलिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए। सभी फार्मा कंपनियों पर अनुसूची- एम को अनिवार्य बनाया जाएगा। इससे गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और अनुपालन बोझ भी कम होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को नकली दवा बनाने वाली सभी दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।