राष्ट्रीय संत संरक्षक मंडल सह झारखंड प्रदेश के संयोजक स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कहा कि मां सीता के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में भव्य प्रतिमा को लेकर हम एक और कदम आगे बढ़ गए है। जल्द ही मां सीता की भवगती के रूप में प्रतिमा स्थापित करने की दिशा में कार्य शुरु कर दिए जाएगे। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए काउंसिल को 30 एकड़ भूमि उपलब्ध हो गई है। दरअसल उन्होंने शुक्रवार को इस बाबत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रामायण रिसर्च काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 1008 परमहंस स्वामी सांदीपेंद्र महाराज ने कहा है कि सीतामढ़ी में मां सीता की भव्य प्रतिमा स्थापित करने के लिए काउंसिल को 30 एकड़ भूमि उपलब्ध हो गई है। इसके साथ ही 25 एकड़ भूमि की बातचीत अंतिम चरण में की जा रही है। कुछ ही दिनों में इस प्रक्रिया को भी पूरी कर ली जाएगी। इसके होते ही वे खुद सीतामढ़ी आकर मंदिर निर्माण कार्य स्थान, कार्य के चरण और प्रारूप की घोषणा करेंगे। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद वे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय पर भेंट करेंगे। जिसमें सीतामढ़ी में उक्त स्थल के भूमि-पूजन के लिए प्रस्ताव भी रखेंगे।
हाईलाइट
• 55 एकड़ भूमि में स्थापित होगा मां सीताजी का भव्य मंदिर
• 30 एकड़ भूमि उपलब्ध हो चुकी है, 25 एकड़ की उपलब्धता पर हो रही बातचीत
• काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा, वह स्वयं सीतामढ़ी आकर निर्माण स्थल और कार्य के प्रारूप की जानकारी देंगे
• चुनाव के बाद शीघ्र ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर करेंगे भूमि-पूजन का आग्रह
स्वामी दिव्यानंद महाराज आगे जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी सिद्धपीठ प्रांगण के संत सह काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा है कि वह लंबे समय से सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा और संबंधित क्षेत्र को तीर्थ, पर्यटन व शक्ति के रूप में स्थापित करने को लेकर पहल कर रहे थे। इस निमित्त भूमि की उपलब्धता एक बड़ा विषय था। जिस पर लगातार पहल के बाद काउंसिल को सफलता प्राप्त हुई है। वे शुरू से मां सीताजी को भगवती के रूप में स्थापित करना चाहते थे। इसलिए काउंसिल के अंतर्गत श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति गठित की गई। यह मंदिर निर्माण कार्य को देखेगी।
उन्होंने कहा कि हम पहले से कहते आए हैं कि काउंसिल के तत्वावधान में 51 शक्तिपीठों से मिट्टी व जल के साथ ही नलखेड़ा से मां पीताम्बरा की ज्योत लाएंगे। इसके साथ ही श्रीलंका, इंडोनेशिया, बाली समेत उन सभी स्थानों से मिट्टी व जल लाएंगे, जहां से भगवान श्रीराम और मां जानकी का नाता रहा है।
जानकारी हो कि काउंसिल के पहल पर अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से जुड़े आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा भी सीतामढ़ी विजिट कर चुके हैं। इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार भी काउंसिल के प्रकल्प को हरसंभव सहयोग की घोषणा कर चुके हैं। वही, काउंसिल कार्यालय से जानकारी दी गई है कि संस्था ने कुछ दिनों पूर्व ही सभी समितियों एवं कमेटियों को भंग कर दिया था। जिसमें काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक रहे श्री श्री 1008 परमहंस स्वामी सांदीपेंद्र महाराज को अपना नया अध्यक्ष चुना था। काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वह शीघ्र ही सभी समितियों का नए सिरे से गठन कर पूरे देशभर में काउंसिल का विस्तार करेंगे।