गैरमजरूआ जमीन, कैसर-ए-हिंद, एसटी जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच कराने की आग्रह करने वाली जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के राजस्व सचिव, रांची डीसी सहित अन्य प्रतिवादी को शपथ पत्र के माध्यम से चार सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर सचिव की ओर से शपथ पत्र दाखिल नहीं होता है तो अगली सुनवाई में रांची के सब-रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहना होगा। वहीं शपथ पत्र दाखिल होने के एक सप्ताह में प्रार्थी को इसका जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 22 अगस्त निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि मामले में सब-रजिस्टार वैभव मणि की ओर से शपथ पत्र दायर करना अनुचित है। वे हजारीबाग के जमीन घोटाला मामले में फंसे हैं। जबकि वैभव मणि त्रिपाठी की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि गैरमजरूआ जमीन खरीद बिक्री मामले में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। नियम के अनुकूल कार्य हुए हैं।
याचिकाकर्ता ने याचिका के माध्यम से अदालत को बताया है कि राजधानी रांची के कई सीओ, सब-रजिस्टार सहित धनबाद, देवघर एवं अन्य जिले के अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरकारी जमीन रजिस्ट्री करा दी है। उन्होंने सभी अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच करने की मांग की है। याचिका में राजधानी रांची के नामकुम सीओ, कांके सीओ सहित एक दर्जन अंचल अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है। वही रांची, खूंटी, गिरिडीह, देवघर, जमशेदपुर, धनबाद एवं अन्य जिले के सब-रजिस्टार को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
गैरमजरूआ ,कैसर-ए-हिंद और एसटी जमीन खरीद-बिक्री मामले की जांच कराने का आग्रह
Place your Ad here contact 9693388037
Next Article अगरकर बने चयन समिति के अध्यक्ष